स्कूल -कॉलेज के सुनहरे दिन
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(प्रतियोगिता) भाग- 4
कॉलेज के ज्वलंत प्रश्न (भाग-2) कहानी
अगले दिन कक्षा में सभी छात्र अध्यापिका का चेहरा देख रहे थे कि वे प्रश्नों का क्या उत्तर देती हैं। वे सुनने को उत्सुक थे।
अध्यापिका बोलीं - हाँ तो कल हम क्या बात कर रहे थे??
सभी धर्मों में ईश्वर को प्रकाश रूप बताया है परंतु हिन्दू मूर्ति पूजा करते हैं । उनकी मूर्ति, तस्वीर रखकर पूजा करते हैं । उनकी कहानियों में जादू, चमत्कार सब होते हैं जो फैंटेसी फिल्मों की तरह अकल्पनीय लगते हैं।
हम्म, तो इसकी सत्यता को समझने के लिए मुझे आपको वहाँ ले जाना पड़ेगा जहां से ब्रम्हांड की रचना हुई l मैं जो भी बातें आप सबको बता रही हूँ वो सब शास्त्रोंक्त हैं । वेदों, पुराणों में वर्णित है।
जब ब्रम्हांड में कुछ भी नहीं था तो क्या था?? तब कुछ भी नहीं था यानि शून्य था।
ये शून्य की खोज किसने सबसे पहले की??
टीचर जी भारत ने l
हाँ तो वो खोज किस आधार पर हुई?? ब्रम्हांड की उत्पत्ति से l शून्य से ब्रम्हांड में एक डार्कनेस थी। अंधकार l इस डार्क एनर्जी को सनातन में शिव कहते हैं। फिर अचानक उस अंधकार से प्रकाश की उत्पत्ति हुई l इस प्रकाश से ही सृष्टि की समस्त घटनाओं का जन्म हुआ l इस प्रकाश में समस्त शक्तियाँ मौजूद थीं। यही है परब्रह्म परमात्मा ईश्वर जिससे निराकार रूप और साकार रूप बनाl
अब यह बताओ कि जैसे दूसरे मजहबों में ईश्वर को निराकार बताया है तो वैसे ही हिन्दुओं के धर्म यानी सबसे प्राचीन सनातन धर्म में भी और तो और वैग्यानिकों द्वारा भी ये प्रूव हो चुका है कि ब्रम्हांड में शून्य से प्रकाश और निराकार ऊर्जा का शक्ति का जन्म हुआ उससे ही समस्त संसार बना l
एक बच्चा बोला - लेकिन सारे मज़हब सिर्फ एक ईश्वर बताता है। पर हिन्दू 33 करोड़ देवता बताते हैं ।
सबसे पहले तो मैं आपको बताना चाहती हूँ कि 33 करोड़ नहीं 33 कोटि देवी देवता बताए जाते हैं। 33 कोटि मतलब 33प्रकार के देवी देवता l
33 प्रकार ही सही एक तो नहीं है।
हाँ, उसके बारे में मैं आपको विस्तार से समझाऊंगी, लेकिन कल
क्योंकि आज की क्लास का समय खतम हो गया l
ठीक है मैम, हम आपके उत्तर की प्रतिक्षा करेंगे।
अपर्णा "गौरी"
Shashank मणि Yadava 'सनम'
11-Feb-2023 06:46 AM
Wahhhh बहुत ही खूबसूरत और सारगर्भित लेख
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अदिति झा
03-Feb-2023 01:39 PM
Nice 👍🏼
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Gunjan Kamal
02-Feb-2023 12:50 PM
शानदार प्रस्तुति 👌
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